पंचायत चुनाव में कर्मचारियों को दो चरणों में करनी है ड्यूटी ,,आदेश जारी -पूरी जानकारी प्राप्त करें (हिंदी में )


पंचायत चुनाव में कर्मचारियों को दो चरणों में करनी है ड्यूटी ,,आदेश जारी -पूरी जानकारी प्राप्त करें (हिंदी में ):


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पुरे छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में हो रहा है जिसमे भारी संख्या में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी है। आज के आर्टिकल में आपको पंचायत चुनाव में कर्मचारियों की ड्यूटी के बारे में जानकरी साझा करेंगे। यहाँ आज आपको बताने वाले है कि कुछ जगहों में कर्मचारियों को दो चरणों में ड्यूटी करना पड़ेगा।

पंचायत चुनाव में ड्यूटी करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है और इस कार्य को पूरी संजीदगी से करना पड़ता है। चुनाव के दौरान कर्मचारी को तीन से चार दिन का समय ड्यूटी में रहना पड़ता है। ऐसे में यदि इन कर्मचारियों को लगातार दो बार चुनाव ड्यूटी करना पड़े तो थोड़ी सी परेशानी हो सकती है क्योंकि इस दौरान चुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी रहने और खाने के लिए कुछ मुसीबतो का भी सामना करते है। 



फ्रेंड्स  कहने का मतलब है कि चुनाव कार्य में लगे कर्मचारियों को इस दौरान तीन से चार दिन सामान्य से अलग समय व्यतीत करना होता है। साथ ही लगातार कार्य करना पड़ता है ऐसे में लगातार दो चरणों में चुनाव ड्यूटी लगाना सही नहीं होगा। 
पहले और तीसरे चरण में लगी ड्यूटी 


छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव तीन चरणों में हो रहा है जिसमे पहला चरण 28 जनवरी ,दूसरा चरण 31 जनवरी और तीसरा चरण 03 फरवरी को होना  है। कुछ जिलों में कर्मचारियों को दो बार चुनाव ड्यूटी करना है। जैसे कि यदि मुंगेली जिले की बात करें तो पथरिया विकासखंड के कर्मचारियों की ड्यूटी दो बार लगाई गई है। 
पथरिया विकासखंड के कर्मचारियों को पहले  मुंगेली जनपद में 28 जनवरी को और 03 फरवरी  को लोरमी जनपद में चुनाव कार्य संपन्न कराना है। इसके लिए आधिकारिक तौर पर आदेश भी जारी किया जा चूका है और कर्मचारियों को आदेश भी प्राप्त हो चूका है। 

अधिक मतदाता होने पर परेशानी  


मतदान के दौरान ड्यूटी में लगे कर्मचारी को बहुत ही संजीदगी से कार्य करना पड़ता है और साथ ही यह कार्य लगातार करना होता है ऐसे में काम की अधिकता उनके लिए काफी तकलीफ भरी हो सकती है। यदि मतदान केंद्र में मतदाताओं की संख्या की बात करें तो 500 से अधिक मतदाता मतदान अधिकारीयों के लिए काफी मुसीबत कही जा सकती है। 


अधिक मतदाता होने का अर्थ यहाँ आपको एक उदाहरण से समझाते है -जैसे कि किसी मतदान केंद्र में 500 मतदाता है और उन्हें पंचायत चुनाव में मतदान करना है तो मतदान अधिकारीयों को 2000 मतदाता का काम करना है। मतलब एक मतदाता को चार प्रत्यासी के लिए मतदान करना होता है। 


मतदान अधिकारी के रूप में कार्य करने वाले कर्मचारियों को पंचायत चुनाव में मतगणना भी मतदान केंद्र में ही करना होता है जिससे उनका कार्य और भी अधिक हो जाती है अब मानलो किसी मतदान केंद्र में 400 मत पड़े तो वहा चार पदों के हिसाब से कुल 1600 मतपत्र जारी किया जाता है। मतलब मतगणना 1600 मतों का करना है। 
कर्मचारी करेंगे विरोध 
चुनाव कार्य में दो बार ड्यूटी के लिए कर्मचारी विरोध करेंगे क्योंकि चुनाव जैसे कार्य में शासन के इस प्रकार कर्मचारियों का शोषण करना उचित नहीं है। अगले किसी भी चुनाव में कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी जाती है तो इसका विरोध किया जाना चाहिए और निश्चित ही इस प्रकार के शोषण को दूर करना चाहिए। 
मतदान केंद्र में अधिक मतदाता होने पर भी कर्मचारियों द्वारा इसका विरोध किया जायेगा और साथ ही मतदान सामग्री को न लेने की भी योजना बनाया जाना चाहिए जिससे शासन को भी इसका अंदाजा लग जाये की कर्मचारियों में एकजुटता है। 
पंच ,सरपंच ,जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद पर मतदान 


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अभी जो चुनाव हो रहा है उसमे चार पदों पर मतदान हो रहा है। ये चार पद है -पंच ,सरपंच ,जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य। ये चरों पद पर एक साथ मतदान हो रहा है। इसी के कारण मतदान अधिकारीयों का कार्य चार गुना ज्यादा हो जाता है। 
मतदान अधिकारीयों को चार प्रकार का मतपत्र जारी करना पड़ता है। यही कारण है कि कर्मचारियों के लिए काम करने का समय भी अधिक हो जाता है फिर भी ये कर्मचारी बहुत ही संजीदगी से अपना कार्य करते है और चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न कराने में अपना योगदान देते है। 
निष्कर्ष :- आज के इस आर्टिकल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और उसमे कार्य करने वाले कर्मचारियों के कार्य के बारे में बताया गया है साथ ही यहाँ पर यर भी बताने का प्रयास किया गया है कि चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कर्मचारियों को मानसिक रूप से परेशान नहीं किया जाना चाहिए। इस आर्टिकल का उद्देश्य कर्मचारी हित में सभी को ध्यान रखने की बात कही गयी है। 




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